शास्त्रों में राजाओं द्वारा 'राजसूय यज्ञ' आयोजित किये जाने के सन्दर्भ पाए जाते हैं. हम पहले ही '
राज' शब्द का अर्थ 'शासक तथा '
यज्ञ'
शब्द का अर्थ 'बस्ती' सिद्ध कर चुके है. 'सूय' शब्द लैटिन भाषा के सुई शब्द से उद्भूत है जिसका अर्थ 'स्वयं' है. अतः 'राजसूय यज्ञ' का अर्थ 'ऐसी बस्ती है जहां स्वयं का शासन हो'. इस यज्ञ करने का तात्पर्य ऐसी बस्ती बसाना है.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
केवल प्रासंगिक टिप्पणी करें, यही आपका बौद्धिक प्रतिबिंब होंगी