शास्त्रों में 'यक्ष्मा' शब्द ग्रीक भाषा के शब्द eczema से उद्भूत है जिसका अर्थ 'त्वचा में खुजलाहट वाला एक विकार' है. किन्तु आधुनिक संस्कृत में इसका अर्थ 'श्वसन तंत्र का रोग' लिया गया है जिसे उर्दू में तपेदिक कहते हैं. अतः आयुर्वेद में जो औषधि त्वच रोग के उपचार हेतु निर्धारित है आयुर्वेदाचार्य उसका उपयोग श्वसन तंत्र के रोग के उपचार के लिए कर रहे हैं और रोगियों का सत्यानाश कर रहे हैं. ऐसे कृत्यों से हमारा शास्त्रीय ज्ञान कुख्यात हो रहा है.
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