वाजीकरण का अर्थ वर्तमान शास्त्रनुवादों में स्त्री-रमण माना जा रहा है जो सर्वथा मिथ्या है.वस्तुतः इस शब्द का लोक स्वरुप बाजीगर है जो उन लोगों के लिए उपयुक्त किया जाता है जो लोक मनोरंजन के लिए हाथों की सफाई से तरह तरह के खेल दिखाते हैं. इस कार्य में अत्यधिक चपलता, शरीर और मस्तिष्क का सामंजस्य, तथा बुद्धिमानी की आवश्यकता होती है. अतः वाजीकरण का अर्थ शरीर और मस्तिष्क का पूर्ण स्वास्थ एवं सामंजस्य है जिसे सरल भाषा में बुद्धिमानी कहा जा सकता है.
इसकी पुष्टि यूरोपीय भाषा परिवार की एक भाषा डच के शब्द wijsseggher से होती है जो वाजीकरण के अत्यधिक निकट है एवं जिसका अर्थ 'ऐसा व्यक्ति, जो अत्यधिक बौद्धिक कार्यों में व्यस्त रहता हो'.
कृपया वाजीकरण शब्द की व्याकरणिक व्युत्पत्ति भी समझाएं।
जवाब देंहटाएंएक शब्द मैं भी दे रहा हूँ - "पुत्री"। क्या व्याकरण की दृष्टि से इसका वही अर्थ है जो बोल चाल में समझा जाता है? मेरे विचार से शाब्दिक अर्थ के अनुसार "पुत्री" "पुत्रवान" का समानार्थी है। पुत्री का अर्थ हुआ - पुत्र का पिता / वह व्यक्ति जिसके पुत्र हो। जैसे सुखी, धनी, बली ... इत्यादि ।
@ डॉक्टर त्रिपाठी
जवाब देंहटाएंआधुनिक संस्कृत और हिन्दी की व्याकरण से शास्त्रीय भाषा का कोई संबंध नहीं है. शास्त्रीय भाषा यूरोपीय भाषाओं के सहयोग से विकसित की गयी थी. पुत्र और पुत्री शब्दों की व्याख्याएँ मैं इसी संलेख पर अभी उपलब्ध करा रहा हूँ.
Swagat hai..
जवाब देंहटाएंAchhee jankari mili..comments ke dwara bhee..
जवाब देंहटाएंयह शब्द ज्यादातर औषधि के गुणों के वर्णन में मुझे दिखाई दिया .
जवाब देंहटाएंआज बाजीकरण शब्द की व्याख्या: पढ़कर अच्छा लगा..
अच्छा लगा आपका ब्लॉग ..,आपका तहेदिल से स्वागत है ..मक्
http://www.youtube/mastkalandr
अच्छी लगी आपकी रचना .. इस नए चिट्ठे के साथ हिन्दी चिट्ठा जगत में आपका स्वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंप्रिय विप्लव
जवाब देंहटाएंबाजी अब कलम के पुजारियों के हाथ से बाहर जेया चुकी है, देश बेचा जा रहा है, भ्रम फैलाए जा रहे हैं. यदि कुच्छ हो सकता है तो कीजिए पूरी गंभीरता से.