सोमवार, 15 फ़रवरी 2010
शुभ, शोफ़, सूफी
शुभ शब्द वेदों और शास्त्रों में अनेक स्थानों पर पाया जाता है, ग्रन्थ भावप्रकाश में शोफ़ शब्द का भी उपयोग किया गया है, जबकि शब्द 'सूफी; उर्दू, अरबी आदि भाषाओँ में हिंदी के शब्द 'संत' के समतुल्य माना जाता है. ये सभी भ्रांत अर्थ हैं तथा तीनों ही लैटिन भाषा के शब्द 'सोफिया (sophia)' से उद्भूत हैं जिसका अर्थ 'भाषा अथवा शब्दों का उपयोग करते हुए बौद्धिक कार्य करना' है. इस प्रकार लेखन, प्रवचन, तर्क, आदि कार्यों के लिए शास्त्रों में शुभ और शोफ़ शब्दों का उपयोग किया गया है. प्रच्गीन काल में ऐसे सभी बौद्धिक कार्य करने वाले व्यक्तियों के लिए एक ही शब्द 'philosopher' प्रयोग किया जाता था जिसका अन्त्य भाग सोफिया का ही है.
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