मनु, मानस, मान, मनुष्य
वेदों और शास्त्रों में बहुतायत में पाए गए ये चार शब्द लैटिन भाषा के manus से उद्भूत हैं जिसका अर्थ 'हाथ' है. आधुनिक संस्कृत में इनमें से किसी भी शब्द का अर्थ हाथ नहीं है, इसलिए शास्त्रों के अनुवाद आधुनिक संस्कृत के आधार पर करने से भ्रम की उत्पत्ति होती है यथा - हजारों वर्षों की तपस्याएँ, लाखों वर्षों के युद्ध आदि आदि. ऐसे ही ब्रमात्मक अनुवाद बहुतायत में प्रचलित हैं और लोगों को भ्रमों में उलझाया जा रहा है.
मन
लैटिन भाषा के दो शब्द हैं - mens अथवा mentis तथा mentum जिनके अर्थ क्रमशः 'मस्तिष्क' तथा 'ठोडी' हैं. मेरे अभी तक के शोधों के अनुसार शास्त्रों में इन दोनों भावों के लिए 'मन' शब्द का उपयोग किया गया है. जिसका अर्थ प्रसंग के अनुसार लेने की आवश्यकता होती है.
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