शास्त्रों में समुद्र शब्द आधुनिक संस्कृत के समुद्र से भिन्न अर्थ रखता है. ग्रीस के एक टापू का नाम लैटिन में 'samothrace
' तथा
ग्रीक भाषा में 'samothraki' है जिसके लिए शास्त्रों में 'समुद्र' कहा गया है. तदनुसार शास्त्रों की 'समुद्र मंथन' जैसी घटनाएं इसी द्वीप के बारे में हैं.
आदरणीय,आपके लेखों को देख कर तो यही लग रहा है कि ग्रीक और लैटिन भाषाओं का प्रयोग करने वाले लोग देववाणी संस्कृत बोलने तथा देवनागरी लिपि का प्रयोग करने वालों से बहुत पहले ही सभ्यता की दौड़ में आगे निकल गए थे तभी तो आपको इन शब्दों के संदर्भ के लिये ग्रीक और लैटिन भाषाओं की शरण में जाना पड़ रहा है।
जवाब देंहटाएंवस्तुतः जिसे आज संस्कृत भाषा कहा जा रहा है उसका विकास वेदों और शस्त्रों के लिखे जाने के बहुत बाद में और उन्हें दूषित अर्थ प्रदान करने के लिए किया गया.
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