अपने क्षेत्र में विद्युत् की दुरावस्था से तृस्त होकर मैंने आमरण भूख हड़ताल की सूचना विद्युत् और प्रशासनिक अधिकारियों को दी थी. उसी सन्दर्भ में उन्ही अधिकारियों को जो दूसरा पत्र मैंने लिखा है, उसका हिंदी अनुवाद यहाँ प्रस्तुत है. यह भी उन अधिकारियों को प्रेषित कर दिया जाएगा.
सेवा में,
अध्यक्ष महोदय
उत्तर प्रदेश शक्ति निगम लिमिटेड
लखनऊ
श्रीमान जी,
दिनांक ११ फरवरी २०११ को एक्सीकुटिव इंजिनियर, ई.डी.डी.३, बुलंदशहर मेरे पास आये थे और मुझसे ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल को तुरंत अर्थ करने का वायदा किया. किन्तु वे मुझे इसका कोई संतोषजनक उत्तर न दे सके कि यह कार्य अब तक के लगभग एक वर्ष में क्यों नहीं किया जा सका जिसका मुझे भारी मूल्य चुकाना पडा है. जैसा कि आपके अधीनस्थ सदैव से करते आये हैं, वे भी अपने उन दोषी सहकर्मियों एक्सीकुटिव इंजिनियर, उप खंड अधिकारी और जूनियर इंजिनियर के संरक्षण से चिंतित थे जिनके कारण मुझे आमरण भूख हड़ताल जैसा कठोर दुखद कदम उठाना पडा है.
इस सन्देश द्वारा मैं आपके क्षेत्रीय अधिकारियों की कार्य पद्यति से निराशा और अपनी आमरण भूख हड़ताल पर अडिग रहने के बारे में अपने स्पष्टीकरण देना चाहता हूँ.
१. ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल अर्थिंग
आज जब मेरी आमरण भूख हड़ताल का समाचार फ़ैल चुका था, एक्सीकुटिव इंजिनियर प्रमोद कुमार ई.डी.डी. ३, पी वी वी एन एल बुलंदशहर मुझसे मिले और ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल को अर्थ करने का वचन दिया जिसकी मैं एक वर्ष से अधिक समय से जब से यह ट्रांस्फोर्मेर स्थापित हुआ था, मांग करता रहा हूँ. मैंने उन्हें ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल अर्थ की स्थिति दिखाई जिसके दो चित्र आपके सन्दर्भ हेतु एवं यह समझने के लिए कि आपके क्षेत्र अधिकारी किस तरह का कार्य कर रहे हैं, संलग्न कर रहा हूँ.
ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल अर्थ करना एक सामान्य प्रक्रिया है और ट्रांस्फोर्मेर स्थापित करने वाले किसी भी कर्मी द्वारा सरलता से किया जा सकता है. किन्तु यह इस ट्रांस्फोर्मेर पर नहीं किया गया जिसके लिए मैं लगातार जोर देता रहा हूँ और इसकी अनुपस्थिति से हानि उठता रहा हूँ. इसके लिए मैं जूनियर इंजिनियर के.एल.गुप्ता, एस.डी.ओ. अमिट कुमार और एक्सीकुटिव इंजिनियर विश्वम्भर सिंह सी बार निवेदन करता रहा हूँ. किन्तु इस बारे में कभी जुछ नहीं किया गया. जैसा कि मैंने अपने पिछले पत्र में कहा था कि इस बारे में मैं अपनी वेदना व्यक्त करने के लिए सम्बंधित एस.ई. के पास ३ बार गया किन्तु प्रत्येक उन्होंने मुझसे मिलने से ही इनकार कर दिया.
अंततः, ४ दिसम्बर २०१० को मैंने आपके उच्च कार्यालय को ईमेल द्वारा अवगत कराया जिसके बाद एस.डी.ओ. अमिट कुमार और ई.ई. (टेस्ट) राकेश कुमार मेरे पास आये जब मैंने उन्हें अपनी समस्या बतायी. उन्होंने ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल को २/३ दिन में अर्थ करने का वचन दिया किन्तु दीर्घ काल तक कुछ नहीं किया. इस बारे में मैंने आपको अपने ईमेल सन्देश द्वारा २२ जनवरी २०११ को अवगत कराया जिस पर आपने कोई ध्यान नहीं दिया. .
मेरा मत यह है कि मुझे आपके अधिकारियों द्वारा दूषित भावनाओं के साथ सताया गया. इसके परिणामस्वरूप मेरा कंप्यूटर सिस्टम पिछले एक वर्ष में ५/६ बार ल्शातिग्रस्त हुआ और मुझे इसका भारी मूल्य चुकाना पडा. इससे मेरे लेखन कार्यों में पडा विघ्न मेरे लिए चिंता का विषय है.
४. उपभोक्ताओं हेतु विद्युत् लाइन
मेरे ग्राम के विद्युतीकरण के ४५ वर्षों तक लगभग २० विद्युत् कनेक्शन थे और विद्युत् लाइन की दशा दयनीय थी. मेरे यहाँ आने के बाद कुछ सुधार कार्य किये गए और मैंने लोगों से अधिकृत रूप में विद्युत् उपयोग करने के आग्रह किये. परिणामस्वरूप, गाँव में अधिकृत विद्युत् उपभोक्ताओं की संख्या लगभग १०० तक पहुँच गयी. किन्तु अनेक नए उपभोक्ताओं के घरों के पास में विद्युत् लाइन नहीं हैं जब कि वे विद्युत् बिल्लों के भुगतान कर रहे हैं. इस प्रकार आपके अधिकारियों द्वारा इन मूक लोगों का शिकार बनाये जाने पर मेरी सहानुभूति इनके साथ है.
आपके अधिकारियों की इस प्रकार की कार्य दक्षता पर भी मुझे बताया गया है कि जे.ई. के एल गुप्ता को पदोन्नति द्वारा पुरस्कृत किया गया है, ई.ई विश्वम्भर सिंह को अपनी वैभवशाली जीवन चर्या हेतु स्थानांतरित कर दिया गया है और एस.डी.ओ. अमिट कुमार अपने श्रेष्ठ कार्यों के लिए प्रशंसा पाते हुए अपने कार्यकाल का आनंद ले रहे हैं.
इस प्रकार, मैं स्वयं को अँधेरी सुरंग के अंतिम सिरे पर पाता हूँ जहां मेरी समस्याओं का कोई समाधान नहीं है. एक अनुशासित नागरिक और एक विनम्र उपभोक्ता होने के नाते मैं आपके अधीनस्थ उच्च अधिकारियों के साथ अभद्र नहीं हो सकता. ऐसी अवस्था में अधिकाँश उपभोक्ता आपके अधिकारियों को रिश्वत देकर अपने समस्याओं के समाधान पा लेते हैं किन्तु मैं अपनी जागृत अंतरात्मा के कारण ऐसा भी नहीं कर सकता. इससे मेरे पास आपके क्षेत्र अधिकारियों की आन्तारात्माओं को जागृत करने और उत्तर प्रदेश राज्य में विद्युत् उपभोक्ताओं की दयनीय स्थिति विश्व को दर्शाने के लिए अपने जीवन की आहुति देने के अतिरिक्त कोई अन्य मार्ग शेष नहीं रह गया है.
इसलिए, मैं चार मांगों के साथ अपने गाँव में विद्युत् वितरण ट्रांस्फोर्मेर के निकट २० फरवरी २०११ से आरम्भ अपनी प्रस्तावित आमरण भूख हड़ताल पर अविचल हूँ -
My Life : Passion for making a Difference
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सेवा में,
अध्यक्ष महोदय
उत्तर प्रदेश शक्ति निगम लिमिटेड
लखनऊ
श्रीमान जी,
दिनांक ११ फरवरी २०११ को एक्सीकुटिव इंजिनियर, ई.डी.डी.३, बुलंदशहर मेरे पास आये थे और मुझसे ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल को तुरंत अर्थ करने का वायदा किया. किन्तु वे मुझे इसका कोई संतोषजनक उत्तर न दे सके कि यह कार्य अब तक के लगभग एक वर्ष में क्यों नहीं किया जा सका जिसका मुझे भारी मूल्य चुकाना पडा है. जैसा कि आपके अधीनस्थ सदैव से करते आये हैं, वे भी अपने उन दोषी सहकर्मियों एक्सीकुटिव इंजिनियर, उप खंड अधिकारी और जूनियर इंजिनियर के संरक्षण से चिंतित थे जिनके कारण मुझे आमरण भूख हड़ताल जैसा कठोर दुखद कदम उठाना पडा है.
इस सन्देश द्वारा मैं आपके क्षेत्रीय अधिकारियों की कार्य पद्यति से निराशा और अपनी आमरण भूख हड़ताल पर अडिग रहने के बारे में अपने स्पष्टीकरण देना चाहता हूँ.
१. ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल अर्थिंग
आज जब मेरी आमरण भूख हड़ताल का समाचार फ़ैल चुका था, एक्सीकुटिव इंजिनियर प्रमोद कुमार ई.डी.डी. ३, पी वी वी एन एल बुलंदशहर मुझसे मिले और ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल को अर्थ करने का वचन दिया जिसकी मैं एक वर्ष से अधिक समय से जब से यह ट्रांस्फोर्मेर स्थापित हुआ था, मांग करता रहा हूँ. मैंने उन्हें ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल अर्थ की स्थिति दिखाई जिसके दो चित्र आपके सन्दर्भ हेतु एवं यह समझने के लिए कि आपके क्षेत्र अधिकारी किस तरह का कार्य कर रहे हैं, संलग्न कर रहा हूँ.
ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल अर्थ करना एक सामान्य प्रक्रिया है और ट्रांस्फोर्मेर स्थापित करने वाले किसी भी कर्मी द्वारा सरलता से किया जा सकता है. किन्तु यह इस ट्रांस्फोर्मेर पर नहीं किया गया जिसके लिए मैं लगातार जोर देता रहा हूँ और इसकी अनुपस्थिति से हानि उठता रहा हूँ. इसके लिए मैं जूनियर इंजिनियर के.एल.गुप्ता, एस.डी.ओ. अमिट कुमार और एक्सीकुटिव इंजिनियर विश्वम्भर सिंह सी बार निवेदन करता रहा हूँ. किन्तु इस बारे में कभी जुछ नहीं किया गया. जैसा कि मैंने अपने पिछले पत्र में कहा था कि इस बारे में मैं अपनी वेदना व्यक्त करने के लिए सम्बंधित एस.ई. के पास ३ बार गया किन्तु प्रत्येक उन्होंने मुझसे मिलने से ही इनकार कर दिया.
अंततः, ४ दिसम्बर २०१० को मैंने आपके उच्च कार्यालय को ईमेल द्वारा अवगत कराया जिसके बाद एस.डी.ओ. अमिट कुमार और ई.ई. (टेस्ट) राकेश कुमार मेरे पास आये जब मैंने उन्हें अपनी समस्या बतायी. उन्होंने ट्रांस्फोर्मेर न्यूट्रल को २/३ दिन में अर्थ करने का वचन दिया किन्तु दीर्घ काल तक कुछ नहीं किया. इस बारे में मैंने आपको अपने ईमेल सन्देश द्वारा २२ जनवरी २०११ को अवगत कराया जिस पर आपने कोई ध्यान नहीं दिया. .
मेरा मत यह है कि मुझे आपके अधिकारियों द्वारा दूषित भावनाओं के साथ सताया गया. इसके परिणामस्वरूप मेरा कंप्यूटर सिस्टम पिछले एक वर्ष में ५/६ बार ल्शातिग्रस्त हुआ और मुझे इसका भारी मूल्य चुकाना पडा. इससे मेरे लेखन कार्यों में पडा विघ्न मेरे लिए चिंता का विषय है.
२. ऊंचागांव विद्युत् केंद्र उपकरण नवीनीकरण
ऊंचागाओं विद्युत् केंद्र ५० वर्ष से अधिक पुराना है और इसके अधिकाँश उपकरण इतने ही पुराने हैं और अपने सेवा योग्य जीवन काल को बहुत पहले समाप्त कर चुके हैं. यह इस क्षेत्र के विद्युत् उपभोक्ताओं के समक्ष समुचित विद्युत् पाने में यह एक बड़ी समस्या है. एक वर्ष से अधिक समय से विद्युत् के क्षेत्रीय अधिकारी विभिन्न अवसरों पर मुझे बताते रहे हैं कि उपकरणों के नवीनीकरण के कार्य के लिए मांग उच्च स्तर को भेजी जा चुकी है और शीघ्र ही नवीनीकरण कर दिया जाएगा. किन्तु मुझे घोर निराशा हुई जब ई.ई. प्रमोद कुमार ने मुझे बताया कि उक्त नवीनीकरण संबंधी कोई दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए नए सिरे मांग भेजने की आवश्यकता हो सकती है. इसका अर्थ यह है कि आपके क्षेत्रीय अधिकारी इस विषय पर उपभोक्ताओं को छलते रहे हैं अथवा वे अपने कार्यालयी कार्य में भी सक्षम नहीं हैं. कारण जो भी हो, यह मुझ जैसे उपभोक्ताओं के लिए निराशा का विषय है.
३. ऊंचागांव विद्युत् केंद्र - निपुण कर्मचारी
मेरे क्षेत्र के विद्युत् उपभोक्ता दीर्घ काल से ऊंचागांव विद्युत् केंद्र पर निपुण कर्मियों की कमी से परेशान होते रहे हैं. ई.ई. प्रमोद कुमार ने मुझे बताया कि विद्युत् केंद्र पर उपभोक्ताओं के लिए विद्युत् उपकरणों की देख-रेख के लिए एक भी निपुण कर्मी उपलब्ध नहीं है. और जो भी अस्थायी अनिपुण व्यक्ति उपलब्ध हैं, उनके पास समुचित उपकरण उपलब्ध नहीं हैं. इससे मुझे और भी अधिक निराशा हुई है.
ऊंचागाओं विद्युत् केंद्र ५० वर्ष से अधिक पुराना है और इसके अधिकाँश उपकरण इतने ही पुराने हैं और अपने सेवा योग्य जीवन काल को बहुत पहले समाप्त कर चुके हैं. यह इस क्षेत्र के विद्युत् उपभोक्ताओं के समक्ष समुचित विद्युत् पाने में यह एक बड़ी समस्या है. एक वर्ष से अधिक समय से विद्युत् के क्षेत्रीय अधिकारी विभिन्न अवसरों पर मुझे बताते रहे हैं कि उपकरणों के नवीनीकरण के कार्य के लिए मांग उच्च स्तर को भेजी जा चुकी है और शीघ्र ही नवीनीकरण कर दिया जाएगा. किन्तु मुझे घोर निराशा हुई जब ई.ई. प्रमोद कुमार ने मुझे बताया कि उक्त नवीनीकरण संबंधी कोई दस्तावेज कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए नए सिरे मांग भेजने की आवश्यकता हो सकती है. इसका अर्थ यह है कि आपके क्षेत्रीय अधिकारी इस विषय पर उपभोक्ताओं को छलते रहे हैं अथवा वे अपने कार्यालयी कार्य में भी सक्षम नहीं हैं. कारण जो भी हो, यह मुझ जैसे उपभोक्ताओं के लिए निराशा का विषय है.
३. ऊंचागांव विद्युत् केंद्र - निपुण कर्मचारी
मेरे क्षेत्र के विद्युत् उपभोक्ता दीर्घ काल से ऊंचागांव विद्युत् केंद्र पर निपुण कर्मियों की कमी से परेशान होते रहे हैं. ई.ई. प्रमोद कुमार ने मुझे बताया कि विद्युत् केंद्र पर उपभोक्ताओं के लिए विद्युत् उपकरणों की देख-रेख के लिए एक भी निपुण कर्मी उपलब्ध नहीं है. और जो भी अस्थायी अनिपुण व्यक्ति उपलब्ध हैं, उनके पास समुचित उपकरण उपलब्ध नहीं हैं. इससे मुझे और भी अधिक निराशा हुई है.
४. उपभोक्ताओं हेतु विद्युत् लाइन
मेरे ग्राम के विद्युतीकरण के ४५ वर्षों तक लगभग २० विद्युत् कनेक्शन थे और विद्युत् लाइन की दशा दयनीय थी. मेरे यहाँ आने के बाद कुछ सुधार कार्य किये गए और मैंने लोगों से अधिकृत रूप में विद्युत् उपयोग करने के आग्रह किये. परिणामस्वरूप, गाँव में अधिकृत विद्युत् उपभोक्ताओं की संख्या लगभग १०० तक पहुँच गयी. किन्तु अनेक नए उपभोक्ताओं के घरों के पास में विद्युत् लाइन नहीं हैं जब कि वे विद्युत् बिल्लों के भुगतान कर रहे हैं. इस प्रकार आपके अधिकारियों द्वारा इन मूक लोगों का शिकार बनाये जाने पर मेरी सहानुभूति इनके साथ है.
आपके अधिकारियों की इस प्रकार की कार्य दक्षता पर भी मुझे बताया गया है कि जे.ई. के एल गुप्ता को पदोन्नति द्वारा पुरस्कृत किया गया है, ई.ई विश्वम्भर सिंह को अपनी वैभवशाली जीवन चर्या हेतु स्थानांतरित कर दिया गया है और एस.डी.ओ. अमिट कुमार अपने श्रेष्ठ कार्यों के लिए प्रशंसा पाते हुए अपने कार्यकाल का आनंद ले रहे हैं.
इस प्रकार, मैं स्वयं को अँधेरी सुरंग के अंतिम सिरे पर पाता हूँ जहां मेरी समस्याओं का कोई समाधान नहीं है. एक अनुशासित नागरिक और एक विनम्र उपभोक्ता होने के नाते मैं आपके अधीनस्थ उच्च अधिकारियों के साथ अभद्र नहीं हो सकता. ऐसी अवस्था में अधिकाँश उपभोक्ता आपके अधिकारियों को रिश्वत देकर अपने समस्याओं के समाधान पा लेते हैं किन्तु मैं अपनी जागृत अंतरात्मा के कारण ऐसा भी नहीं कर सकता. इससे मेरे पास आपके क्षेत्र अधिकारियों की आन्तारात्माओं को जागृत करने और उत्तर प्रदेश राज्य में विद्युत् उपभोक्ताओं की दयनीय स्थिति विश्व को दर्शाने के लिए अपने जीवन की आहुति देने के अतिरिक्त कोई अन्य मार्ग शेष नहीं रह गया है.
इसलिए, मैं चार मांगों के साथ अपने गाँव में विद्युत् वितरण ट्रांस्फोर्मेर के निकट २० फरवरी २०११ से आरम्भ अपनी प्रस्तावित आमरण भूख हड़ताल पर अविचल हूँ -
- तीन सम्बंधित अधिकारियों - ई.ई. विश्वम्भर सिंह, एस.डी.ओ. अमिट कुमार, और जे.ई. के.एल.गुप्ता के विरुद्ध मुझे सताने हेतु अपने उत्तरदायित्वों के प्रति उदासीन रहने के लिए कठोर कार्यवाही हो. के.एल.गुप्ता की पदोन्नति तुरंत निरस्त की जाए.
- ऊंचागांव विद्युत् गृह के सभी ५० वर्ष से अधिक पुराने उपकरण नवीन उपकरणों से विस्थापित किये जाएँ.
- ऊंचागांव विद्युत् गृह पर समुचित संख्या में निपुण कर्मीं नियुक्त किये जाएँ.
- सभी अधिकृत विद्युत् उपभोक्ताओं के घरों के पास तक विद्युत् लाइन पूरी की जाएँ.
भवदीय
राम कुमार बंसल
गाँव खंदोई, बुलंदशहर.
राम कुमार बंसल
गाँव खंदोई, बुलंदशहर.
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