शुक्रवार, 28 मई 2010

ऋण

Coping with Kidney Disease: A 12-Step Treatment Program to Help You Avoid Dialysisशास्त्रीय शब्द 'ऋण' का अर्थ जीवधारियों के शरीर में उपस्थित अंग  'किडनी' है जो रक्त से अनावश्यक जल को 'मूत्र' के रूप में निष्कासित करता है. यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द  renes   से उद्भूत है. इसका आधुनिक संस्कृत अर्थ  'क़र्ज़' से कोई सम्बन्ध नहीं है. इससे शास्त्रीय अनुवाद में भ्रान्ति उत्पन्न की गयी है. 

शीष

We Acknowledge You (Album Version)शास्त्रों में उपस्थित शब्द  'शीष'  का वास्तविक अर्थ 'प्राप्ति स्वीकृति' है क्योंकि यह लैटिन शब्द  sciscere   से उद्भूत है. आधुनिक संस्कृत में इसका अर्थ 'सिर' माना गया है जिससे शास्त्रीय अनुवादों में भ्रम उत्पन्न हुए हैं.

सुरभि

Oral Drug Absorption: Prediction and Assessmentआधुनिक संस्कृत में  'सुरभि' का अर्थ  'सुगंध' माना गया है जिसका शास्त्रीय शब्द 'सुरभि' से कोई सम्बन्ध नहीं है. शास्त्रों में यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द  sorbere  से बनाया गया है जिसका अर्थ  'अवशोषण करना' है.  अंग्रेज़ी का शब्द  absorb   भी इसी लैटिन सब्द से उद्भूत है.

शीत

Grand Edition Gourmet Food Gift Basket - Mediumशास्त्रों में 'शीत' शब्द का वास्तविक अर्थ 'भोजन' है क्योंकि यह शब्द ग्रीक भाषा के शब्द  sitos   से बनाया गया है. आधुनिक संस्कृत में इसका अर्थ 'ठंडी ऋतू' माना गया है जिससे शास्त्रीय अनुवाद भ्रांत किये गए हैं. 

सेतु, केतु

Whale (DK Eyewitness Books)भारतीय शास्त्रों के शब्द  'सेतु' और 'केतु'  समानार्थक हैं. 'सेतु' शब्द लैटिन के शब्द  cetus   से बना है जब कि 'केतु' ग्रीक भाषा के शब्द  ketos   से बना है. इन दोनों के ही अर्थ  'व्हेल मछली' है. आधुनिक संस्कृत में सेतु का अर्थ 'पुल' लिया गया है जिससे अनेक शास्त्रीय भ्रांतियां फैलाई गयी हैं. केतु को एक बुरा चरित्र कहा गया है.

गुरुवार, 27 मई 2010

नः

(To Raise a Synthetic Thinking Faculty) Today Gain and Loss and Sentiment of Hourवेदों में उपस्थित शब्द  'नः' तथा 'नू'  के उद्भव स्रोत लैटिन भाषा का  nous   तथा  ग्रीक भाषा का  noos   है जिसका अर्थ मनुष्य की 'चिंतन शक्ति' है जिसे 'मस्तिष्क' के भाव में भी उपयोग किया गया है. बाइबिल का शब्द  'नोह' अथवा 'नूह' भी इसी भाव में उपयोग किया गया है. आधुनिक संस्कृत में इसका अर्थ 'हम' लिया गया है जिसके अनुसार ही प्रसिद्ध गायत्री मन्त्र का भ्रामक अनुवाद प्रचलित है.