वेदों में उपस्थित शब्द 'नः' तथा 'नू' के उद्भव स्रोत लैटिन भाषा का nous तथा ग्रीक भाषा का noos है जिसका अर्थ मनुष्य की 'चिंतन शक्ति' है जिसे 'मस्तिष्क' के भाव में भी उपयोग किया गया है. बाइबिल का शब्द 'नोह' अथवा 'नूह' भी इसी भाव में उपयोग किया गया है.
आधुनिक संस्कृत में इसका अर्थ 'हम' लिया गया है जिसके अनुसार ही प्रसिद्ध गायत्री मन्त्र का भ्रामक अनुवाद प्रचलित है.