विद्युत शक्ति आधुनिक मानव की जीवन-रेखा है. इसका अभाव जीवन को अस्त-व्यस्त कर देता है. यही उत्तर प्रदेश में होता रहा है. अतः यहां लोग भरपूर जीवन नहीं रहे, बस अपना जीवन-काल व्यतीत कर रहे हैं. इसमें शासन का दोष तो है ही लोग भी कम दोषी नहीं हैं. प्रदेश का विद्युत संकट यहां के लोगों के सुख एवं सम्पन्नता से ही सम्बन्ध नहीं रखता, अपितु उनकी मानसिकता एवं चरित्र भी गहन सम्बन्ध रखता है. अतः विद्युत संकट के आर्थिक, सामाजिक और राजनैतिक तीनों पक्ष हैं।