शास्त्रों में यह शब्द लैटिन भाषा के शब्द 'satis' से उद्भूत है जिसका अर्थ 'पूर्ण' अथवा 'पर्याप्त' है. शास्त्रों के प्रचलित अनुवादों में इसका अर्थ 'सौ' (१००) लिया गया है जिसके कारण शास्त्रों से प्राप्त भारत के इतिहास में अत्यधिक त्रुटियाँ उत्पन्न हुई हैं और विश्व स्तर पर इसे विश्वसनीय नहीं माना जाता.