स्वाद एवं प्रस्वाद शब्द लैटिन भाषा के शब्दों suadere तथा persuadere से बने हैं जिनके अर्थ 'किसी दूसरे व्यक्ति को अपने
मतानुसार सहमत करना है. आधुनिक संस्कृत में इनके अर्थ जिह्वा के कार्य चखने से संबध रखते हैं जिनका शास्त्रीय भासा से कोई सम्बन्ध नहीं है.