मैंने कई शिकायतें प्रधानमंत्री को आइने की तरह भेजी हैं, जिनमें से दो - PMOPG/E/2017/0653718, PMOPG/E/2018/0006929
के बारे में मुझे सूचना दी गयी है कि उनका निस्तारण किया जा चूका है, जिनके विवरण के लिए मुझे सम्बंधित वेबसाइट पर जाना होगा. मैंने जैसा कहा गया वैसा किया, रजिस्ट्रेशन के लम्बे मार्ग से गुजरा, किन्तु मेरी किसी शिकायत की कोई सूचना वहां उपलब्ध नहीं हुई.
मैंने जनशिकायत के निदेशक एवं जॉइंट सेक्रेटरी को फ़ोन किये परन्तु वे दोनों ही 11 बजे तक कार्यालय नहीं पहुंचे थे. मुझे इस मामले की शिकायत भी प्रधानमंत्री को भेजनी पड़ी यह बताने के लिए की केंद्र सर्कार की वास्तविकता क्या है.
आज मुझे दूसरी शिकायत के बारे में सूचना मिली है की उसका निस्तारण कर दिया गया है, किन्तु वेबसाइट पर मुझे कोई विवरण नहीं मिला. इसके बाद मैंने जन-शिकायत निदेशालय के निदेशक को फ़ोन किया, और अपनी समस्या बताई. उन्होंने मुझे एक अन्य नंबर पर बात करने को कहकर टला दिया, क्योंकि उस नंबर से कोई उत्तर नहीं मिला. इसके बाद मैंने जॉइंट सेक्रेटरी को फ़ोन किया जिसने कहा की वह बहुत व्यस्त है, बाद में बात कीजिये.
अब सोचिये जनशिकायतों के प्रबंधन के लिए स्वचालित कंप्यूटर लगे हैं, जो अपना कार्य ठीक कर रहें हैं, किन्तु निदेशालय में दो आईएएस ऑफिसर सहित एक दर्ज़न से अधिक कर्मचारी हैं जो बिलकुल निठल्ले बैठे देश के गरीबों का खून चूस रहे हैं. क्या होगा इस देश का??
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