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मंगलवार, 9 मार्च 2010

भाग्य, भजन, भगवान्, भगवती

लैटिन भाषा का एक शब्द है - phagein, जिसका अर्थ 'खाना' अथवा 'भोजन' है. इसे शब्द से उद्भूत हुए हैं शास्त्रीय शब्द 'भाग्य'.और 'भजन' जिनके देवनागरी अर्थ 'भोजन' हैं. साधारण अर्थों में भी भोजन ही मनुष्य का भाग्य होता है. वमानों ने लोगों को भ्रमित कर अपने छल-कपट भरे व्यवसाय चलने के लिए भाग्य को ज्योतिष से जोड़ा और भजन को ईश्वर से, और भोले-बाले लोगों के शोषण करते रहे.
'भाग्य' शब्द से बना है 'भगवान्' जिसका अर्थ 'भोजन का उत्पादक' अर्थात 'किसान' है. शास्त्रीय शब्द 'भगवती' भी 'भाग्य' से बना है जिसका अर्थ 'भोजन बनाने वाली स्त्री' होता है. परंपरागत रूप में पुरुष खेती करते थे और स्त्रियाँ परिवार के लिए भोजन बनाते थे. इसलिए किसान दंपत्ति को शास्त्रों में 'भगवन-भगवती' कहा गया है.  .