उत्तर प्रदेश में लम्बे समय से ऐसे कुशल नेतृत्व का अभाव रहा है जो प्रदेश के लोगों के विकास की आवश्यकताओं और दिशा को समझ सके। श्री चन्द्र भान गुप्त के बाद के सभी मुख्य मंत्री वैभव भोग, स्वयं के परिवार अथवा ग्राम की प्रगति अथवा अपना समय व्यतीत करते रहने में रूचि रखते रहे हैं। इसके कारण पर्याप्त साधन संपन्न होने पर भी प्रदेश देश के पिछड़े राज्यों में गिना जाता रहा है।